Thursday, June 7, 2018

मैंने IIT के बाद टीवी के कथा और पटकथा लेखन में कैसे आ गया?


मैं जब iit से पास हुआ तो मैं फिल्म बनाना चाहता था. बचपन से ही फिल्म बनाना चाहता था. जब फिल्म इंडस्ट्री में फिल्मों की हालत देखता और खासकर कहानियों की तो सोचता था की ये अच्छी कहानियाँ क्यूं नहीं लिखते, उसके बिना तो फिल्म बन ही नहीं सकती. तो जब मैं फिल्म इंडस्ट्री में जुड़ा तो एक रास्ता था डायरेक्टर बनाना और दूसरा लेखक बनाना. कुछ डायरेक्टर के साथ काम करके समझ आया की मैं ये नहीं करना चाहता. तो बचता था लेखनी और वो मैं करने लगा. बचपन के स्कूल समय में टीचर भी कहते की मुझे कहानी कविताओं की अच्छी समझ है तो उनकी कही बात हौसला बढ़ाने में काम आया. बचपन में जब फिल्में देखता तो घंटो और दिनों बैठकर सोचता थी की इस फ्लॉप फिल्म की कहानी कैसे कही गयी होती तो ये हिट हो जाती. सिनेमा देखकर उसकी कहानी जबतक १५-२० लोगों को न सुना दूं चैन नहीं पड़ता था. फिल्में बहुत लंबा समय लेती है और किस्मत से एक बार टीवी लिखने का मौक़ा मिला, और जो लिखा वही सुपरहिट हो गया तो बहुत ख़ुशी हुई. लेकिन फिल्म और वेब के लिए लिखने को बहुत बेचैन हूँ या फिर मेरे टीवी शोज जो मैंने पिच कर रखे हैं या और भी करता रहता हूँ, वो सब लिखने और बनाने के लिए बहुत बेचैनी है.

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