Monday, June 4, 2018

खंड -१ : जासूसी उपन्यास लेखन के बेताज बादशाह "वेद प्रकाश कम्बोज" जी के साथ बातचीत


वेद प्रकाश कम्बोज - जासूसी लेखक मैंने कम्बोज जी का नाम पहली बार कुछ दिन पहले सुना. पहली बार सुना था तो उतना असर नहीं हुआ इसका दोष मेरी अज्ञानता को जाता है. मैंने हिन्दी पल्प नहीं पढ़ा था. हाँ फेसबुक पर ही कुछ दिन पहले कुछ दोस्ती हुई थी और उनलोगों ने उनके उपन्यास पढ़ रखे थे. इससे बीच चमेली की शादी के लेखक का नाम पता चला. ओम प्रकाश शर्मा जी के विषय में पता चला... १९६० -७० और उसके बाद के दौर के बड़े नाम थे ओम प्रकाश शर्मा और वेद प्रकाश कम्बोज जी. इन्होने जितने उपन्यास लिखे वो खुद में एक बड़ी बात है. ये अग्रणी थे हिन्दी भारतीय जासूसी उपन्यास लेखनी के. कम्बोज जी और शर्मा जी बहुत करीबी थे और इन दोनों महान लेखकों के उपन्यास पाठकों के बीच बहुत प्रचलित थे. सबसे बड़ी बात की, वेद प्रकाश कम्बोज जी, को देश के मशहूर लेखक "वेद प्रकाश शर्मा" जी और "सुरेन्द्र मोहन पाठक" जी गुरु तुल्य मानते हैं. इनके गढ़े गए कई किरदारों को आने वाले समय में वेद प्रकाश शर्मा जी ने इस्तमाल किये और उनपर ढेर सारी कहानियाँ लिखी. सभी उपन्यास सफल रहे एक दिन वेद प्रकाश कम्बोज सर के पुत्र मेशु कम्बोज जी से बात हुई और आज कम्बोज सर जी से बात हुई, फ़ोन पर ही सही. उन्होंने कई सुझाव शेयर किये. लेखनी से ज्यादा जीवनदर्शन कहना सही होगा. लेखनी जीवनदर्शन से ज्यादा क्या ही कुछ है. २ ज्ञान उनके दिए हुए शेयर करता हूँ १. रोज कुछ लिखो.... २ शब्द ही सही पर लिखो २. हर बार पहले वाले से बेहतर लिखने की कोशिश रखो सुनिए बातचीत का भाग #1 सुनिए बातचीत का भाग #2 धन्यवाद मेशु जी. धन्यभाग जो श्री वेद प्रकाश कम्बोज से बात हुई.

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